80 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना अपने आशिकाना और रूमानी अंदाज से लड़कियों के दिलों पर राज करते थे। कहा तो ये भी जाता है कि जिस सड़क से राजेश खन्ना की कार गुजरती थी, उस रास्ते पर इनकी एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम लग जाता था। लड़कियां तो इनकी कार की धूल चूम लेती थीं। यहां तक कि लड़कियां राजेख खन्ना के नाम खून से खत लिखकर भेजा करती थीं।
इतना ही नहीं, एक वक्त था जब इनके घर में फूले के गुलदस्ते रखने की जगह नहीं होती थी। पर फिर ऐसा वक्त भी आया, धीरे धीरे ये फूल आना बंद हो गए। कहते हैं जब वक्त का सिक्का चलता है और नसीब जब अपनी करवट लेता है तो आदमी उसके सामने खुद को मजबूर समझने लगता है।
अगर राजेश खन्ना टिके रहते तो अमिताभ बच्चन कभी नहीं बन पाते सदी के महानायक
वैसे तो राजेश खन्ना ने लगभग 170 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था लेकिन इसके बाद समय बदलने लगा था। चूंकि राजेश खन्ना कभी एक्शन मारधाड़ वाली फिल्में नहीं करते थे। राजेश खन्ना ने हमेशा पारिवारिक, रोमांस, इमोशन से संबंधित फिल्में कीं। ऐस में उनेके करियर पर इसका प्रभाव पड़ा। मारधाड़ एक्शन से भरपूर फिल्मों के दौर में राजेश खन्ना का क्रेज थोड़ा घटने लगा। वहीं राजेश खन्ना भी फिल्में साइन करना छोड़ चुके थे। ऐसे में इसका पूरा फायदा अमिताभ बच्चन को मिला।
यह भी कहा जाता है कि अगर राजेश खन्ना बॉलीवुड में बने रहते तो शायद अमिताभ बच्चन कभी सदी के महानायक नहीं बन पाते। हालांकि इस पर राजेश खन्ना का कहना है कि हर किसी का अपना नसीब होता है, कोई किसी की वजह से सफल या असफल नहीं होता। गौरतलब है कि राजेश खन्ना के साथ अमिताभ बच्चन ने पहली फिल्म आनंद की थी, जो अपने जमाने की सबसे सुपरहिट फिल्मों में से एक साबित हुई थी।
पहले गुलदस्तों से घर भरा रहता था, अब एक गुलाब भी नहीं आता है। इसपर राजेश खन्ना ने खुद कहा था कि जब वो फिल्मों में काम करते थे, लोगों को मेरी फिल्में और एक्टिंग पसंद आती थी तो फूल भेजा करते थे लेकिन जब फिल्मों में मैंने काम करना छोड़ दिया तो लोगों ने भी धीरे-धीरे फूल भेजना कम कर दिये।
राजेश खन्ना को नहीं मिल रही थीं फिल्में, कारण था अहंकार !
एक वक्त था जब राजेश खन्ना और सलीम खान मे गहरी दोस्ती थी। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के पिता ‘सलीम खान’ एक ज़माने के मशहूर लेखक और डायरेक्टर थे। लेकिन राजेश खन्ना के अपनी अहंकार की वजह से उनके आपसी रिश्तों में खटास आ गई थी। एक बार एक फिल्म मैगजीन में संजीव कुमार पर कवर स्टोरी थी और इस स्टोरी में सलीम खान से पूछा गया था कि एक अभिनेता के रूप में संजीव कुमार के बारे में आपकी क्या राय है तो सलीम खान ने संजीव कुमार की खूब तारीफ कर दी थी।
इस पर राजेश खन्ना ने सलीम खान से पूछा था ‘तो आपको लगता है कि संजीव कुमार बेहतर अभिनेता है।’ तो सलीम खान ने कहा ‘हां’। राजेश खन्ना ने इस पर पूछा ‘और मैं?’ यह सुनकर सलीम खान हैरान हो गए और उन्होंने कहा कि ‘यह संजीव कुमार के बारे में स्टोरी है और इस स्टोरी से आपका कोई संबंध नहीं है। अगर आपके बारे में भी कोई पूछेगा तो मैं आपकी भी तारीफ करूंगा।’ इसके बाद राजेश खन्ना ने उनकी तरफ देखा और वहां से चले गए। यह भी कहा जाता है कि इस मुलाकात के बाद राजेश खन्ना ने सलीम खान से लगभग 6 महीने तक बात नहीं की थी।
जब अमिताभ बच्चन को मिलने लगीं राजेश खन्ना की फिल्में
राजेश खन्ना के इसी अहंकार का असर उनके फिल्मी करियर पर पड़ने लगा। बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘दीवार’ से अमिताभ बच्चन को एक अभिनेता के रूप में नई पहचान मिली थी। इस फिल्म को यश चोपड़ा डायरेक्टर कर रहे थे और इन्होंने सबसे पहले इस फिल्म के लिए राजेश खन्ना को ही चुना गया था। लेकिन इस फिल्म को सलीम खान ने लिखा था। सलीम खान ने यशराज को कहा कि ‘इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन ही ज्यादा परफेक्ट हैं क्योंकि मैंने राजेश खन्ना को ध्यान में रखकर यह फिल्म नहीं लिखी है। इसलिए राजेश खन्ना की जगह अमिताभ बच्चन को फिल्म में कास्ट किया जाए।’ इस तरह राजेश खन्ना को अपने व्यवहार की वजह से उनके करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले।
रोमांटिक और आशिकाना फिल्में ही करते थे राजेश खन्ना
राजेश खन्ना की मां हमेशा कहती थीं कि तुम पिछले जन्म में जरूर ज्यादा रोमांटिक रहे होंगे। तभी तुम्हारा अंदाज बचपन से ही आशिकाना है। राजेश खन्ना मुस्कुराते हुए कहते थे कि मां आशिकाना हूं तभी तो आशिकाना फिल्मों में काम करता हूं। पारिवारिक ड्रामा, रोमांस, इमोशन वाली फिल्में करता हूं। इतना ही नहीं, राजेश खन्ना का यह भी कहना था कि उन्होंने कभी मारधाड़ वाली फिल्मों में काम नहीं किया। हमेशा उन्होंने रोमांस वाली फिल्में कीं, क्योंकि इश्क और रोमांस से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। इश्क खुदा है, इश्क मोहब्बत है, और इश्क सबसे महान है।